अब आपको दवाओं के पैकेट पर उसके साइड इ फेक्ट के बारे में भी लिखा हुआ मिलेगा। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने दवा कंपनियों को इसके लिए आदेश दे दिया है। वैज्ञानिकों के दवाओं पर किए गए शोध से जानकारी मिली है है कि डिप्रे शन (अवसाद) और आर्थराइटिस आदि बीमारियों की दवाओं के काफी साइड इ फेक्ट हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए CDSCO ने दवा कंपनियों को पैकेट पर साइड इ फेक्ट की जानकारी लिखने का आदेश जारी किया है।
केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन ने नो योर मुहिम के अंतर्गत 7 दवाओं और कई ब्रांड्स को लेकर लोगों को जागरुक करने की तैयारी कर ली है। गौरतलब है कि दवाईयों से पिछले 5 साल में देशभर में साइड इ फेक्ट और गलत प्रभाव के मामलों में 150 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि 2013 में जहां साइड इफे क्ट के मामलों की शिकायत 28,000 थी। वहीं 2017 तक आते-आते यह 70,000 के पार पहुंच गई।
सेफोटैक्सिम, सेफीएग्जाइम जैसी एंटीबॉयोटिक दवाईयां खाने से स्किन एलर्जी, त्वचा में सूजन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। इसके अलावा मेंसुरेशन ब्ली डिंग नियंत्रण और डिप्रे शन में खाने वाली कई दवाओं से चक्कर आने के साथ ही इंफेक्शन जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं। वहीं आर्थराइटिस, मिर्गी और माइग्रेन की कुछ दवाओं से भी त्वचा की तकलीफें होने की आशंका है।