आजकल के दौर में युवा भटकर वो काम कर बैठते हैं जिनके बाद पछतावा होता है। ऐसी ही एक लड़की ने डॉक्टर के पास पत्र लिखकर अपनी व्यथा बताई। उसने कहा, मैं 26 वर्षीय युवती हूं। शुरू से ही काफी खुले विचारों की रही हूं, इसलिए जो भी मुझे अच्छा लगता है करती हूं। उस का क्या परिणाम होगा बगैर इस की चिंता किए।
यही कारण है कि मैं जब स्कूल में पढ़ती थी तभी मैं ने लड़कों से न केवल दोस्ती की वरन सै’क्स का भी भरपूर आनंद उठाया। शुरू में 4-5 बार गर्भ ठहरा तो गर्भपात करा लिया। मगर उस के बाद बिना कोई सावधानी बरते मैं ने अपने एक बौयफ्रैंड के साथ बरसों तक शारीरिक संबंध बनाए। पर फिर गर्भ न ठहरा।
अब शादी की उम्र होने पर मैं ने शादी करने का मन बनाया है। मेरा मंगेतर भी मेरा बौयफ्रैंड रहा है। मैं शादी अपनी मरजी से कर रही हूं। पर समस्या यह है कि कई सालों तक मैं ने अनगिनत बार सहवास किया बिना कोई एहतियात बरते, बावजूद इस के मुझे कभी गर्भ नहीं ठहरा।
मैं जानना चाहती हूं कि शुरू में 4-5 बार दवाओं से गर्भपात कराने की वजह से कहीं मुझ में कोई शारीरिक खराबी तो नहीं आ गई है, जिस वजह से मैं कंसीव नहीं कर पा रही? बताएं क्या वजह है? क्या मैं भविष्य में कभी मां नहीं बन पाऊंगी? यदि ऐसा है तब तो मेरा शादी करना ही बेमानी होगा। मैं ने अपने मंगेतर को भी इस बाबत कुछ नहीं बताया। आजकल तो वह जब भी सहवान की इच्छा व्यक्त करता है मैं खीज उठती हूं। मेरे बदले रवैए से वह भी हैरान है। बताएं क्या करूं?
जवाब : छोटी उम्र में ही लड़कों के साथ शारीरिक संबंध बनाने और वह भी 2-4 बार नहीं वरन वर्षों तक और गर्भवती हो जाने पर चोरीछिपे अनापशनाप दवाओं से गर्भपात का फैसला लेना जोखिम भरा हो सकता था, आप किसी यौन रोग की शिकार हो सकती थीं।
आप ने जो आचरण किया उस के जो भी दुष्परिणाम होंगे आप भविष्य में मां बन सकेंगी या नहीं ये सब सोचना इस समय जब विवाह को चंद महीने बचे हैं, बेमानी होगा। अब तो इन सब चिंताओं को दरकिनार कर आप शादी की तैयारी करें।
शादी के बाद यदि गर्भधारण करने में समस्या आती है, तो डाक्टरी जांच और उपचार यदि आवश्यक हुआ तो ले सकती हैं। वैसे भी मातृत्व प्राप्त करने की नित नई तकनीक विकसित हो रही हैं। इसलिए पहले आप अच्छी पत्नी बनने की तैयारी करें। मां बनेंगी या नहीं इस सोच को फिलहाल दरकिनार कर दें, क्योंकि ये सब सोचने का यह सही वक्त नहीं है।
और हां, यह नैतिक बोझ ले कर विवाह न करें कि आप ने जो किया वह गलत ही था। सामाजिक मान्यता चाहे उसे न हो पर यह अपवाद हानिकारक है। चरित्र से उस का लेनादेना नहीं है। विवाह बाद आप पति की साथी रहें, सुखी जीवन हो यह कोशिश करें।