बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती के कार्यक्रमों में अक्सर नजर आने वाला स्मार्ट नौजवान चर्चा के केंद्र में हैं. यह युवा लंदन रिटर्न आकाश है, जो मायावती के भाई आनंद का बेटा है. कहा जा रहा है कि आकाश बुआ के साथ रहकर सियासत का ककहरा सीख रहा है.
दरअसल, मायावती ने अपने भाई आनंद को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया था जिसके बाद उन पर परिवारवाद और वंशवाद का आरोप लगने लगा था.
इसके बाद परिवारवाद की राजनीति का विरोध करने वाली मायावती ने आनंद को पार्टी के सभी पदों से मुक्त कर दिया. लेकिन भतीजा आकाश पिछले करीब दो सालों से उनके साथ हर कार्यक्रम में नजर आ रहा है. आकाश बिना किसी पद के बुआ से राजनीति सीख रहे हैं.
12 जनवरी को सपा और बसपा की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी आकश मौजूद थे. इसके बाद जब आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने 13 तारीख को उनसे मुलाकात की तो उस वक्त भी वे वहां नजर आए. इतना ही नहीं, मायावती के जन्मदिन के मौके पर भी आकाश बुआ के साथ ही दिखे. इससे पहले 2017 के सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में भड़की जातीय हिंसा के बाद जब मायावती वहां पहुंची थीं तो आकाश उनके साथ पहली बार नजर आए थे. इसके बाद मेरठ की रैली में भी आकाश मायावती के साथ दिखे थे. इसके अलावा लखनऊ में बसपा कोऑर्डिनेटर की बैठक में भी मायावती ने आकाश का परिचय अपने भतीजे के रूप में करवाया था.
बसपा के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि मायावती आकाश को पार्टी में के युवा नेता के रूप में स्थापित करना चाहती हैं. किसी पद पर न रहते हुए भी बसपा उनके सहारे युवाओं को पार्टी से जोड़ने में कामयाब होगी, ऐसी उनकी सोच है. लंदन से एमबीए करके लौटे आकाश के पास अभी पार्टी में कोई पद नहीं है, लेकिन वह पार्टी के सभी गतिविधियों में शामिल रहते हैं. नेता का कहना है कि बसपा सुप्रीमो आकाश को इस समय गठबंधन के प्रयोग से लेकर सीटों के बंटवारे तक के दांवपेंच सिखा रही हैं. उनका कहना था कि परिपक्व होने के बाद अगर मायावती उन्हें अपनी सियासी विरासत सौंप दें तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए.