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क्या आप जानते हैं संसद में 420 नंबर की सीट क्यों नहीं होती है? जबकि सदस्यों की कुल संख्या 552 है

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क्या आप जानते हैं संसद में 420 नंबर की सीट क्यों नहीं होती है? जबकि सदस्यों की कुल संख्या 552 है

भारत में न्यूमेरोलॉजी को मानने वालों की कोई कमी नहीं है. केवल भारत ही नहीं, दुनिया के प्रत्येक देश में किसी न किसी नंबर को शुभ या अशुभ माना जाता है, इसके पीछे हर किसी के अपने-अपने तर्क होते हैं. हालांकि, कुछ लोग इन नंबरों पर ज़रा भी भरोसा नहीं करते हैं.

420 number Seat

Source: depositphotos

 

इसी तरह भारत में ‘420’ नंबर को अच्छा नहीं माना जाता है. इसे देश में बेहद घृणित समझा जाता है. यही कारण है कि इस नंबर की चर्चा सड़क से लेकर संसद तक होती है. भारत की पार्लियामेंट में भी इस नंबर का असर देखा जा सकता है.

Parliament House

Source: quora

भारतीय संसद में लोकसभा सदस्यों की संख्या 543 है, लेकिन संसद हॉल में ‘420’ नंबर की सीट ही नहीं है. देश की संसद में ‘420’ नंबर सीट को जगह ही नहीं दी गई है. 14वीं लोकसभा से ही ये नंबर सांसदों को आवंटित नहीं किया जा रहा है.

Loksabha Proceedings

Source: quora

 

चलिए जानते हैं आख़िर संसद में ‘420’ नंबर की सीट क्यों नहीं है?

भारतीय दंड संहिता में जालसाजी व धोखाधड़ी करने वाले लोगों के ख़िलाफ़ ‘धारा 420’ के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है. इसलिए भारत में ‘420’ नंबर को धोखेबाज़ी व जालसाजी का प्रतीक माना जाता है. सीधे शब्दों में कहें तो भारत में किसी व्यक्ति को ‘420’ कहने का मतलब वो धोखेबाज़, फ़र्ज़ी व जालसाज है. इसलिए किसी भी सम्मानित व्यक्ति के लिए 420 नंबर परेशानी की बात है.

Parliament Proceedings

Source: theprint

दरअसल, 14वीं लोकसभा के दौरान एक सदस्य को 420 नंबर की सीट निर्धारित की गई थी जिसको उस सदस्य ने स्वयं के प्रति अपमान समझा और उसे निरस्त करवाने हेतु लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष आपत्ति दर्ज करवाई. इस मामले के बाद लोकसभा ने सीट नंबर 420 को निरस्त करते हुए इसकी जगह सीट नंबर 419-A बनाई.

Seat Number 419A

Source: quora

15वीं लोकसभा में सीट आवंटन के दौरान 420वें नंबर पर आने वाले ‘असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट’ के सांसद बदरुद्दीन अजमल को 420 नंबर की जगह 419-A नंबर की सीट दी गई थी. बदरुद्दीन अजमल देश के पहले सांसद थे जिन्हें सर्वप्रथम 419-A नंबर की सीट आवंटित की गयी थी.

Badruddin Ajmal

Source: quora

बता दें कि भारतीय संविधान में व्यवस्था है कि सदन की अधिकतम सदस्य संख्या 552 होगी. इसमें 530 सदस्‍य राज्‍यों का प्रतिनिधित्व करेंगे, 20 सदस्य संघ शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करेंगे व 2 सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा एंग्लो-इंडियन समुदाय से नामित किया जाएगा.

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