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क्या 5G टेस्टिंग के कारण आई है कोरोना वायरस की दूसरी लहर? जानिए सच्चाई

क्या 5G टेस्टिंग के कारण आई है कोरोना वायरस की दूसरी लहर? जानिए सच्चाई

वायरल हो रहे इस पोस्ट की सच्चाई सामने लाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी वेबसाइट पर विस्तार से जानकारी दे रखी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 5G मोबाइल नेटवर्क की रेडियो तरंगों से कोविड-19 का संक्रमण नहीं फैलता है। क्योंकि कोरोना वायरस उन देशों में भी फैला है, जिनके पास 5G मोबाइल नेटवर्क नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस मामले से जुड़ा एक वीडियो भी यूट्यूब पर साझा किया है।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की वेबसाइट पर भी वायरल पोस्ट से जुड़ी जानकारी उपलब्ध है। UNICEF ने भी दावा किया है कि 5G को लेकर गलत सूचना फैलाई जा रही है। 5G मोबाइल इंटरनेट से ना ही वायरस फैला है और ना इसके कारण किसी की जान जा रही है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने भी 5G टेस्टिंग के कारण हो रही मौत के दावे को फर्जी बताया है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जुड़ी लत और एकदम फर्जी सूचनाएं साझा करना काफी खतरनाक हो सकता है। पीआईबी ने लोगों से अपील की है कि इस तरह के किसी भी दावे पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
दावा: जिस महामारी को #कोरोना का नाम दिया जा रहा है वह कोरोना नहीं बल्कि 5g टावर की टेस्टिंग के दुष्परिणाम हैं। #PIBFactCheck: यह दावा #फ़र्ज़ी है। विश्वव्याप्त महामारी #कोविड19 के संदर्भ में ऐसी गलत सूचनाएँ साझा न करें व सही जानकारी हेतु प्रमाणित सूत्रों पर ही विश्वास करें। pic.twitter.com/khAQvpq00C
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 27, 2021
Source : Amar Ujala