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क्या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लग सकती है Corona Vaccine? सरकार ने साफ की तस्वीर

कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के हालात पिछले बीस दिनों से बदल रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि लगातार केस कम हो रहे हैं. संक्रमण के नए मामलों से ज्यादा हर दिन अब रिकवर हो रहे हैं. 8 लाख के लगभग एक्टिव केस कम हुए हैं हालांकि 6 राज्यों में मौत के मामले सबसे ज्यादा आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा कि अभी भी हमारा प्रयास कन्टेनमेंट जोन पर ज्यादा है. साथ ही मदर फीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए वैक्सीन को लेकर अहम जानकारी दी गई है.
सभी प्रयास जारी रखने की जरूरत
स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा, अभी भी देश के 8 राज्य ऐसे हैं जहां 1 लाख से ज्यादा कोरोना केस (Corona Case) हैं. 50 हजार से 1 लाख के बीच एक्टिव केस वाले राज्यों की संख्या 8 है. 18 राज्य ऐसे हैं जहां 15 प्रतिशत से ज्यादा पॉजिविटी रेट है. 382 जिले अभी भी ऐसे हैं, जहां 10 फीसदी से ज्यादा पॉजिविटी रेट है लिहाजा अभी भी संक्रमण रोकने के प्रयास जारी रखने की जरूरत है.
वैक्सीन की बर्बादी कम हो रही
सरकार की तरफ से कहा गया है कि वैक्सीन की बर्बादी घट कर, अब 4 प्रतिशत पर आ गई है. हम धीरे-धीरे इसे शून्य पर लाना चाहते हैं. ब्लैक फंगस (Black Fungus) कंट्रोल करने के लिए और इलाज के लिए सरकार की तरफ से विस्तृत गाइड लाइन जारी की गई है. ब्लैक फंगस के इलाज में प्रयोग की जाने वाली दवा Amphotericin B सीमित मात्रा में देश में उपलब्ध है. हालांकि इसकी उपलब्धता और सप्लाई बढ़ाई जा रही है. Ministry of Pharma स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर 5 और कंपनियों को दवा बनाने का लाइसेंस दे रही है.
स्तनपान कराने वाली महिलाएं वैक्सीन लगवाएं या नहीं?
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा, Lockdown का असर दिख रहा है. जैसे-जैसे हालात ठीक हो रहे हैं साथ ही संक्रमण की चेन को रोके रखना भी जरूरी है. साथ ही उन्होंने कहा, मदर फीडिंग कराने वाली महिलाओं को भी वैक्सीन लग सकती है, कोई भी ऐसी सलाह नहीं है कि उस दौरान बच्चे की फीडिंग रोके. उन्होंने कहा, बच्चों में भी संक्रमण होता है.
बच्चे इससे अलग नहीं रह सकते हैं. उनके द्वारा संक्रमण फैल भी सकता है. लेकिन वैक्सीन लगवाने से या तो कुछ भी नहीं होगा या माइल्ड होगा. गंभीर हालत के चांस बहुत ही कम हैं. ब्लैक फंगस के बारे में बताते हुए डॉ पॉल ने कहा, यह कोई नई बीमारी नहीं है.
ब्लैक फंगस नया नहीं
जी न्यूज के एक सवाल के जवाब में सरकार की तरफ से कहा गया, जिसको Diabetes ज्यादा बढ़ जाती थी या कोई और बीमारी से जूझ रहे लोगों में यह बीमारी पहले भी होती रही है. ये outbreak की तरह नहीं है. कोविड के मल्टी सिस्टम प्रभाव के कारण ब्लैक फंगस ज्यादा देखने को मिल रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने जो प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल उठाया था कि केंद्र और वैक्सीन दे नहीं रहा इसलिए 18+ का वैक्सीनेशन बंद हो जाएगा. इस पर डॉ पॉल ने कहा, जो राज्य सरकारें खुद वैक्सीन ले रही हैं उन्हें कंपनियों से कॉर्डिनेट करना चाहिए. हालांकि सरकार टीकाकरण तेज करने के लिए वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने की कोशिश कर रही है. केंद्र अभी भी फ्री में वैक्सीन दे रहा है
source zeenews