आईटी कंपनी में काम करने वाले आकाश ने एक निजी बैंक के एटीएम में कार्ड से 5000 रुपये का ट्रांजेक्शन किया. इस ट्रांजेक्शन में एटीएम से पैसा तो नहीं निकला, लेकिन खाते से जरूर कट गया. आकाश जैसी परेशानी संभवत : आपने भी झेली हो. ऐसे में सवाल है कि आप क्या करें? तो आज हम इस रिपोर्ट में आपके इसी सवाल का जवाब देंगे.
अगर खाते से पैसा कट गया, लेकिन ATM से नहीं निकला तो सबसे पहले कार्ड जारी करने वाले बैंक के पास तुरंत शिकायत दर्ज कराएं. बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र को आपकी शिकायत हर हाल में लेनी होगी. वह इससे इनकार नहीं कर सकता है. बैंक ने आपकी शिकायत दर्ज की या नहीं, इसकी जानकारी मैसेज के जरिए मिलती है.
दरअसल, बैंक को आपकी शिकायत संख्या बतानी होती है. शिकायत दर्ज होने के बाद कार्ड इश्यू करने वाले बैंकों को सात दिनों के भीतर वापस पैसा क्रेडिट करना अनिवार्य है. यानी आपके खाते में पैसा 7 दिनों के भीतर आ जाएगा. इन 7 दिनों की गिनती शिकायत दर्ज होने की तारीख से की जाती है.
अगर सात दिनों के भीतर बैंक समस्या का समाधान नहीं कर पाते हैं तो उन्हें आपको हर्जाना देना होगा. साल 2011 से लागू आरबीआई के नियमों के मुताबिक देरी की स्थिति में बैंक को रोजाना 100 रुपये का हर्जाना देना पड़ेगा.
हर्जाने की रकम बैंक को बिना किसी शर्त ग्राहक के खाते में डालनी होगी. फिर भले इसे ग्राहक ने क्लेम किया हो या नहीं. हालांकि ग्राहकों को हर्जाने की राशि तभी मिलेगी जब उसने फेल हुए ट्रांजेक्शन की शिकायत 30 दिनों के भीतर की है.
अगर इसके बावजूद आपकी शिकायत का निपटान नहीं होता है तो ग्राहक बैंकिंग लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं. यह शिकयत तब ही किया जा सकता है जब ग्राहक बैंक के जवाब से संतुष्ट नहीं है या बैंक उसे जवाब नहीं देता है.