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खुशखबरी! जल्द बसने जा रहा है नया शहर, आश्रम, होटल-रिजॉर्ट और एडवेंचर से लेकर मिलेंगी सभी सुविधाएं

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) और उसके आसपास रहने वाले लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है. जल्द ही उन्हें एक नए शहर में आश्रम, होटल (Hotel)-रिजॉर्ट और रिवर फ्रंट (River Frant) के साथ एडवेंचर का मजा भी मिलेगा. इतना ही नहीं इस नए शहर में गांव और हरियाली देखने को भी मिलेगी. वेलनेस सेंटर और रेस्टोरेंट को भी नए शहर में जगह दी जाएगी. यमुना एक्सप्रेस-वे डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yamuna Expressway Authority) नए शहर को बसाने की तैयारी कर रही है.
आपको बता दें यह नया शहर यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे राया, मथुरा में बसाया जाएगा. इसका मकसद टूरिज्म को बढ़ावा देना है. गौरतलब रहे मथुरा (Mathura) और वृंदावन में सैकड़ों मंदिरों की श्रृंखला है.
नए शहर में होगी वियतनाम और मालदीव की झलक
यमुना एक्सप्रेस-वे डेवलपमेंट अथॉरिटी ने नए शहर की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) रिपोर्ट तैयार करने के लिए अमेरिकी कंपनी सीबीआरई को चुना गया था. कंपनी ने ड्राफ़्ट रिपोर्ट यमुना अथॉरिटी को सौंप दी है. ड्राफ्ट रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां पर धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ ब्रज की संस्कृति को दिखाया जाए जिससे मथुरा-वृंदावन आने वाले लोग यहां पर आकर रुक सकें.
ड्राफ्ट रिपोर्ट बनाते समय कंपनी ने वियतनाम और मलेशिया के शहरों का अध्ययन भी किया. इस नए शहर में हेरिटेज सिटी को 9350 हेक्टेयर में बसाया जाएगा तो पहले चरण में 731 हेक्टेयर में टूरिज्म जोन और 110 हेक्टेयर में रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा.
म्यूजियम और लाइट-साउंड शो से दिखाई जाएगी कृष्णलीला
नए शहर में श्रीकृष्ण के द्वापरकालीन इतिहास को भी दिखाया जाएगा. यहां लाइट एंड साउंड शो के जरिये कृष्णलीला को दिखाया जाएगा. श्रीमद्भगवद गीता के वाचन के लिए अलग से केंद्र बनाए जाएंगे. इस इलाके के अध्यात्म को सहेजने के लिए एक म्यूजियम भी बनाया जाएगा. सीबीआरई कंपनी ने यमुना प्राधिकरण को ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंप दी है. अब यह रिपोर्ट मंजूरी के लिए यूपी सरकार के पास भेज दी गई है. इसके बाद इस सिटी को विकसित करने के लिए आगे की कार्रवाई शुरू की जा जाएगी.
पर्यावरण के लिहाज से नए शहर में यह भी होगा खास
नए शहर में यमुना अथॉरिटी की योजना स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने की है. स्वच्छ पर्यावरण बनाए रखने और बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधा देने के लिए सड़कों पर निजी और कमर्शियल वाहनों के लिए अलग लेन बनाई जाएगी. वहीं शहर में कोई ट्रैफिक सिग्नल भी नहीं होगा. इतना ही नहीं नए शहरों से निकलने वाले सीवर के पानी को यमुना नदी में नहीं छोड़ा जाएगा. इस योजना को अंजाम देने के लिए सीवर के पानी को रिसाइकल किया जाएगा. वहीं रिसाइकल किए गए पानी को शहर की बागवानी के काम में लिया जाएगा.