प्रदेश
गाँव और शहर को जोड़ने वाली हर सड़क हमारा उद्देश्य- मनिंदर राणा

धान के सीजन में शहर को गांवों से जोड़ने वाली मार्केटिंग बोर्ड की 5 सड़कें खस्ताहाल है। सड़कों के अधूरे पड़े निर्माण के कारण मंडी में फसल लेकर आ रहे किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। महीनों से उखड़ी पड़ी सड़कों के गड्ढे और पत्थर हादसों को न्याेता दे रहे हैं। स्थिति यह है कि इन सड़कों से अावागमन करना वाहन चालकों के लिए जोखिम भरा है। सड़कों की दयनीय स्थिति के बावजूद मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारी इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं।
किसानों की फसल पर मिलने वाली मार्केट फीस से मोटा राजस्व कमाने वाला मार्केटिंग बोर्ड धान के सीजन में किसानों की सुध नहीं ले रहा है। फसल लेकर मंडी पहुंचने वाले किसानों के लिए अच्छी कंडीशन की सड़क उपलब्ध नहीं है। शहर के पूर्व, उत्तर व दक्षिण दिशा के दर्जनों गांवों की करीब आधा दर्जन सड़क मार्ग खस्ताहाल स्थिति में है। सड़कों के गड्डों, उखड़े पत्थरों व उड़ती धूल से लोगों का इन सड़कों से चलना मुश्किल हो रहा है। किसान फूल सिंह, रामसिंह, सुरेंद्र राणा, मोहन लाल का कहना है कि मंडी तक पहुंचने वाली सड़कें खराब हैं। जिस वजह से धान से भरी ट्राॅली को मंडी ले जाने में परेशानी होती है। कार व दोपहिया चालकों के लिए भी ये सड़कें आफत बन चुकी हैं। बाइक चालक घनश्याम, कमलेश व हरिओम ने कहा कि अधूरे हालातों में पड़ी इन सड़कों से धूल उड़ती रहती है। पत्थरों के कारण बाइक का नियंत्रण बिगड़ता है, जिससे दुर्घटना की आशंका होती है।
ये सड़क पड़ी हैं अधूरी : सड़कों की खस्ताहालत को देखते हुए करीब चार माह पहले मार्केटिंग बोर्ड ने पांच सड़कों का निर्माण शुरू किया था। हसनपुर से घरौंडा मंडी, बसताड़ा से साईं मंदिर, पनोड़ी से अराईपुरा रोड, शेखपुरा से खोराखेड़ी व जडौली से अराईपुरा रोड तक की सड़क का निर्माण बीते चार माह से अधर में लटका हुआ है। जून के बाद विभाग ने ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया, जिस वजह से इन सड़कों पर मिट्टी और रोड़ा डालकर ठेकेदार ने काम बंद कर दिया।
घरौंडा. मंडी तक आने वाली खस्ताहाल सड़क।
