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दूल्हे हमेशा घोड़ी पर ही क्यों चढते हैं..किसी और पर क्यों नहीं? 90% लोग नहीं जानते होंगे जवाब

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हिन्दू धर्म में शादी के कई रिवाज अलग होते हैं और बहुत ही महत्वपूर्ण भी होते हैं। आपने भी कई तरह की रस्में देखेी हैं जो शादी के पहले और बाद निभाई जाती हैं, शादी के समय भी काफी रिवाज निभाज जाते हैं ऐसे में रदमों के चलते ही दूल्हे को घोड़ी पर भी बैठाया जाता है।

किसी बारात को देख कर आपके दिल में भी कभी ना कभी ये सवाल ज़रूर उठा होगा की, ‘दूल्हा अपनी बारात में घोड़ी पर ही क्यों चढ़ता है।’ कई लोग सोचते हैं कि ऐसा की होता है तो इसी का जवाब आपको बताने जा रहे हैं जिससे आप भी जायेंगे। आइये जानते हैं वो कारण। क्या आपने कभी सोचा हैं बारात में घोड़ी पर ही क्यों चढ़ता है दूल्हा : दूल्हे को घोड़ी पर ही क्यों बैठाया जाता है इस बात का रहस्य खुल गया है और वो आप भी जान लें जो हमारे इतिहास से जुड़ा हुआ है। दरअसल राजा-महाराजाओ के समय में दुल्हन के लिए रणभूमि में युद्ध किया जाता था।

श्रीकृष्ण और रुक्मणी के विवाह के समय भी युद्ध हुआ था। तब श्रीकृष्ण घोड़ी पर चढ़कर रुक्मणी को लेने गए थे। तब से ही शादियों में दूल्हे की घोड़ी पर सवार होने की परंपरा चली आ रही है जो आज तक निभाई जाती है और वाकई ये परंपरा अलग है जो कहीं नहीं होती।

इसके अलावा उस समय हाथी का भी शादी में इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन घोड़े को शौर्य और वीरता का प्रतिक माना जाता है। इसी वजह से घोड़े का चलन आज भी है। इसीलिए दूल्हे को हमेशा ही घोड़ी पर बैठाया जाता है जो एक रिवाज बन चुका है।

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