दोस्तों हाल ही में देश के सबसे आमिर बिज़नेस मैन मुकेश अम्बानी ने अपना 62वा जन्मदिन मनाया है। आज मुकेश अम्बानी देश के सबसे आमिर आदमी है और इसमें उनका साथ उनकी पत्नी नीता अम्बानी ने भी बखूभी दिया है। ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर आज मुंकेश अंबानी देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन बने हैं तो उसका श्रेय नीता अंबानी को जाता है।
आज आपको मुकेश और नीता अंबानी की लव स्टोरी के बारे में बताते हैं। साथ ही उनकी उस वक्त की तस्वीरें भी दिखाते हैं जब मुकेश और नीता दूल्हा-दुल्हन बने थे।उस वक्त नीता सिर्फ 20 साल की थीं और मुकेश 21 के। मुकेश अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी को नीता बहुत पसंद थीं। नीता-मुकेश की लव स्टोरी किसी परियों की कहानी से कम नहीं है।
मुकेश और नीता ने एक इंटरव्यू में अपनी लव स्टोरी का जिक्र किया था। उन्होंने नीता को अपने घर की बहू बनाने के बारे में सोच लिया था।नीता और मुकेश ने एक-दूसरे से मुलाकात की। एक बार नीता और मुकेश कार में कहीं जा रहे थे। उसी समय मुकेश ने नीता से पूछा- क्या तुम मुझसे शादी करोगी।
कार रेड सिग्नल पर रुकी हुई थी। मुकेश ने कहा कि मैं ये कार तब तक आगे नहीं बढ़ाऊंगा जब तक तुम जवाब नहीं देती। पीछे की सारी गाडि़यां हॉर्न पर हॉर्न बजाए जा रही थीं लेकिन मुकेश अंबानी, नीता के जवाब का इंतजार कर रहे थे।नीता ने कुछ देर बाद मुकेश अंबानी को हां बोला और तब मुकेश ने कार आगे बढ़वाई। इसके बाद नीता ने मुकेश से पूछा कि अगर मैं ना कहती तो क्या तुम मुझे कार से उतार देते। तब मुकेश ने कहा, ‘नहीं, मैं ऐसा कभी नहीं करता। मैं तुम्हें घर छोड़कर आता।’ इसके बाद मुकेश और नीता की शादी हुई।
मुकेश अंबानी और नीता अंबानी की शादी की भी कुछ ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें हमारे हाथ लगी हैं। फेरों के समय नीता बेहद खूबसूरत लग रही थीं। नीता और मुकेश की शादी 1985 में हुई थी। एक इंटरव्यू में नीता ने बताया था, ‘मेरी और मुकेश की परवरिश एक मिडिल क्लास ज्वॉइंट फैमिली में हुई। हमारे संस्कार और संस्कृति भी वैसे ही थे। हमने अपने बच्चों को भी यही सीख दी। हमारे बच्चे मेरे और मुकेश के माता-पिता को देखते हुए बड़े हुए हैं।’
मेरे पैरेंट्स सांताक्रूज में रहते थे। उनके नाना-नानी के यहां जाने के लिए मैं अपने बच्चों को लेकर चर्चगेट तक जाती थी और वहां से ट्रेन पकड़ती थी। जब मेरी मां अहमदाबाद से आती थी तो तीनों बच्चों को गुजरात मेल ट्रेन से वहां ले जाती थी। मेरे बच्चों ने लोकल ट्रांसपोर्ट में भी सफर किया है। मेरे ख्याल से बच्चों का जमीन से जुड़ा रहना जरूरी है। यहां तक कि वे अपना कमरा भी खुद साफ करते थे।’