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‘पाद’ प्रतियोगिता में 200 में से सिर्फ़ 3 प्रतिभागी हिस्सा लेने पहुंचे, अंतिम समय में हवा टाइट हो गई!

दुनिया जहां में जिस प्रतियोगिता के चर्चे हो रहे थे, वो बीते रविवार को SURAT में संपन्न हुई. Stage सजा हुआ था, जज विराजमान थे, MEDIA बेताब थी, मेडल्स चमक रह थे और प्रतिभागियों का पेट में हलचल मची हुई थी.
INDIA के पहले ‘पादशाह’ का SURAT का चरण शांतिपूर्वक संपन्न हुआ, जैसी उम्मीद थी वैसी आतिशबाज़ी सुनने को नहीं मिली. MEDIA रिपोर्ट के अनुसार कुल 200 प्रतिभागियों ने आवेदन भरा था लेकिन मौक़े पर केवल तीन लोग ही पहुंचे. आयोजकों ने फ़ैसला लिया की तीनों को ही medal दे दिया जाए.
पहला पुरस्कार Vishnu Heda को मिला, आमतौर पर जैसा होता है, चार लोगों के बीच पादने के बाद लोग सीधे मुकर जाते हैं और कहते हैं, ‘मैंने कुछ नहीं किया.’ ढाई हज़ार का इनाम पाने के बाद Vishnu Heda ने भी कहा, ‘मैंने कुछ नहीं किया.’
दूसरे प्रतिभागी Sushil Jain जो कि खाली पेट हिस्सा लेने पहुंचे थे लेकिन माइक के आगे खड़े होते ही नवर्स हो गए और तीन कोशिशों के बावजूद विफ़ल रहे. आयोजकों ने इसे ‘Peformance Pressure’ बताया.
reports के अनुसार दर्शकों के भी भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया. लेकिन sharam की वजह से कोई आगे नहीं आया. प्रतिभागी के रूप में ladies ने भी आवेदन डाला था लेकिन एक भी हिस्सा लेने नहीं पहुंची.
जहां तक मेरा मानना है, ‘PAD SHAH’ का ख़िताब आवाज के आधार पर दिया गया. लेकिन gyani लोगों का कहना है कि इसकी परख दुर्गंध से की जाती है. तभी कहा गया है-
उत्तमम दधददात पादम, मध्यम पादम थुचुक थुचुक, घनिष्ठः थुड़थुडी पादम, सुरसुरी प्राण घातकम – चतुर