बॉलीवुड
मनोज बाजपेयी की हुई कोरोना स्क्रीनिंग, जांच के लिए पहुंची डॉक्टर्स की टीम


नई दिल्ली। कोरोना वायरस को मात देने के लिए देश में लॉकडाउन-02 चल रहा है, ऐसे में जो जहां था वहीं रह गया है, यहां तक कि लोगों के अतिआवश्यक कार्य भी अटके पड़े हैं। ऐसे ही मशहूर एक्टर मनोज बाजपेई बीते एक महीने से लॉकडाउन में उत्तराखंड स्थित हिमालय की वादियों में फंसे हैं। बतादें वो अकेले नहीं है उनके साथ 23 और लोग भी हैं जो एक वेब फ़िल्म की शूटिंग के लिए 25 मार्च से ही लॉकडाउन की वजह से फंसे पड़े हैं। फ़िल्म क्रू में मनोज बाजपेयी के साथ नीना गुप्ता, दीपक डोबरियाल हैं, जो नैनीताल के रामगढ़ स्थित सोनापानी स्टेट में रुके हैं। जाहिर है इतने वक्त से टीम यहां रुकी है तो डॉक्टर्स की टीम रूटीन कोरोना चेकअप के लिए यहां भी पहुंची।
जब डॉक्टर्स की टीम यहां पहुंची तो मनोज बाजपेयी ने डॉक्टरों को जानकारी दी कि मैं और हमारी पूरी टीम काफी पहले से यहां आए हुए हैं, ऐसे में इस वायरस के इंफेक्शन की कोई गुंजाइश नहीं है, और ना ही किसी में कोरोना के सिम्टम्स हैं। मनोज वाजपेयी ने बताया कि “हम सब शूटिंग के सिलसिले में यहां आकर अटक गए हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि हिमालय की गोद में हैं और यहां की आबोहवा बहुत अच्छी है।” उन्होंने ने कहा कि “यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम बहुत अच्छा काम कर रही है, मैं उन्हें सैल्यूट करता हूं और धन्यवाद देता हूं।”
मनोज वाजपेयी के लिए अच्छी बात यह है कि पहली बार वो अपनी पत्नी और बच्चे को भी साथ लाए हैं जिससे परिवार की चिंता नहीं है और उन्हें भी यहां की वादियां पसंद आई है। मनोज ने कहा कि “यहां इतना खुशनुमा माहौल हैं कि हम सब पक्षियों की आवाज सुनकर उठते है और कई बार यहां के खूबसूरत नज़रों को देखने के लिए फैमिली के साथ वहां भी जाते हैं, दरअसल ऐसा माहौल मेरे लेखन के लिए बहुत मुफीद है, तो इन दिनों मैं कविताएं और कहानियां भी लिख रहा हूं।”
फ़िल्म एक्टर दीपक डोबरियाल ने स्क्रीनिंग के लिए आये डॉक्टर चेतन और डॉक्टर प्रदीप के साथ उनकी पूरी टीम की जम कर तारीफ की और बताया कि “मैंने खुद को और अपने पूरे क्रू मेंबर्स को चेक करवाया है।” दीपक ने बताया कि मेडिकल टीम के व्यौहार से हम काफी इम्प्रेस हैं, स्टार्टिंग में थोड़ी डर लगा लेकिन मेडिकल टीम के रवैये ने हमारी घबराहट को खत्म कर दिया।” विदित हो दीपक डोबरियाल पहले भी बता चुके हैं कि लॉकडाउन में वो अपने स्टाफ की हर संभव मदद करेंगे, और बुरे वक्त में किसी की तनख्वाह नहीं काटेंगे।