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राजस्थान: 8 महीने के मासूम को गोद में लेकर जागरूकता फैला रहीं कॉन्स्टेबल धोली, बोलीं- दोनों ही फर्ज हैं
देश को कोरोना महामारी ने अपने चंगुल में फंसा रखा है, ऐसे में सबसे ज्यादा अगर किसी का मनोबल मजबूत है तो वो हैं कोरोना वॉरियर्स. कोरोना वॉरियर्स भी ऐसे ही नहीं बना जाता है. उसके लिए त्याग, समर्पण और कर्तव्य का पालन करना जरूरी होता है.
ऐसी ही कोरोना वॉरियर सामने आई हैं राजस्थान के पाली से. उनका नाम है महिला कॉन्स्टेबल धोली चौधरी, जो कि राजस्थान पुलिस सेवा में सेवारत हैं और खिंवाड़ा थाना में कार्यरत हैं.
बाड़मेर जिले के छोटु गांव की धोली चौधरी पाली के खिंवाड़ा थाने में पिछले तीन सालों से सेवारत हैं. कोरोना जैसी महामारी में कोरोना वॉरियर्स के रूप में धोली का जिक्र करना इसलिए जरूरी हो गया क्योंकि वो 8 माह के अपने बेटे जयदित्य के साथ कड़ी धूप में कोरोना से बचाव के लिए लोगों को जागरूक कर रही हैं.
मां और पुलिस दोनों के कर्तव्य कर रहीं पूरे
ये धोली का कोई शौकिया अंदाज नहीं है क्योंकि कर्तव्य के साथ मातृत्व का दायित्व भला वो कैसे भूल सकती हैं. एक तरफ संक्रमण के खतरे के साथ ड्यूटी है तो दूसरी तरफ आठ माह का बेटा जयदित्य का फर्ज. न ड्यूटी के फर्ज से पीछे हट सकती हैं, न ही बेटे जयदित्य की डोर छोड़ने को तैयार हैं. इसलिए अपने बेटे को साथ भी रखती हैं और अपने काम को भी बखूबी निभाती हैं.
धोली चौधरी बताती हैं कि जिम्मेदारियों से डटकर मुकाबला करना ही धर्म है. इसलिए मैं एक तरफ मां होने धर्म निभा रही हूं, वहीं, दूसरी मेरा जो मूल कर्तव्य है, उसको भी पूरी तरह से निभाने का प्रयास कर रही हूं.
बता दें कि ऐसी महिला सिपाही को हर कोई सैल्यूट कर रहा है और धोली को भी अपने आप पर गर्व है कि वो इस महामारी में देश के साथ लोगों की सेवा कर रही हैं.