दिल्ली में बीते एक साल में लड़कियों के बीच एक सर्जरी की मांग ज्यादा तेजी से बढ़ गई है। यही कारण है कि अस्पताल में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार दोगुने मरीज पहुंच रहे हैं। हालत तो ये है कि सर्जरी के वेटिंग भी रहने लगा है। इसके साथ ही दिल्ली में सेक्स चेंज का चलन भी तेजी से बढ़ा है। पढ़िए अमर उजाला की इस पर विस्तार से रिपोर्ट…
हाइमन सर्जरी के लिए दिल्ली के सरकारी लोकनायक अस्पताल में मरीजों की वेटिंग पहले से ज्यादा बढ़ गई है। युवतियों में तेजी से इस सर्जरी के प्रति मांग बढ़ रही है। अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. पीएस भंडारी के अनुसार, पिछले वर्ष तक सप्ताह में एक या दो केस ही हाइमन सर्जरी के आते थे, लेकिन अब ये एक सप्ताह में बढ़कर तीन से चार पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि हाइमन (योनि की झिल्ली) सर्जरी ज्यादातर वे युवतियां करा रही हैं, जिनका कुछ समय बाद विवाह होने जा रहा है।
ब्यूटी पॉर्लर के साथ-साथ युवतियां हाइमन सर्जरी के लिए अस्पताल में आकर अपॉइंटमेंट ले रही हैं। कई युवतियां अपने दोस्त व साथियों के साथ आकर ये सर्जरी करा रही हैं और पहचान को गुप्त रख रही हैं। लोकनायक अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग की ओपीडी में करीब आधे घंटे में ही डॉक्टर हाइमन सर्जरी कर देते हैं।
डॉक्टरों की मानें तो पिछले तीन वर्षों में दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में शादी से पहले इस तरह के ऑपरेशन कराने वालों की संख्या दोगुनी रफ्तार से बढ़ी हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अब लड़कियां बगैर किसी झिझक के अस्पताल पहुंचती हैं।
डॉ. भंडारी का कहना है कि हाइमन से जुड़े कई तरह की मिथ्या भी हैं। आमतौर पर कहा जाता है कि झिल्ली पहली बार सेक्स करने से फट जाती है और उससे रक्तस्राव होता है। जबकि सच यह है कि ये साइकलिंग, घुड़सवारी या कबड्डी जैसे गेम्स से भी हो सकता है। लेकिन अस्पताल आने वाली लड़कियां अक्सर उनसे कहती हैं कि दूसरों की सोच बदलने से अच्छा है, खुद को बदल लो।
लिंग परिवर्तन के लिए भी पांच की वेटिंग
डॉ. भंडारी ने बताया कि अस्पताल में इन दिनों हाइमन सर्जरी के अलावा लिंग परिवर्तन को लेकर भी वेटिंग चल रही है। अभी लोकनायक अस्पताल में पांच लिंग परिवर्तन की वेटिंग है। इनमें से तीन पुरुष से स्त्री बनना चाहते हैं। जबकि दो स्त्री से पुरुष में परिवर्तन चाहती हैं। डॉ. भंडारी का कहना है कि लिंग परिवर्तन हमेशा ही विकल्प के तौर पर देखा जाता है। प्लास्टिक सर्जरी विभाग में कैंसर, बर्न इत्यादि केस ज्यादा गंभीर होते हैं। इसलिए लिंग परिवर्तन के मामलों को वेटिंग में रखा जाता है।