कोरोना वायरस
संबोधन पर सवाल: विपक्षी दलों का पीएम मोदी पर तंज, कहा- देश को ऑक्सीजन चाहिए, भाषण नहीं

संबोधन पर सवाल: विपक्षी दलों का पीएम मोदी पर तंज, कहा- देश को ऑक्सीजन चाहिए, भाषण नहीं
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से बिगड़ते हालात के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 8वीं बार देश को संबोधित किया। उन्होंने देश को लॉकडाउन से बचने का संदेश दिया, साथ ही राज्य सरकारों से इसे आखिरी विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करने का आग्रह किया। पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संदेश पर विपक्षी दलों ने निशाना साधा है। सोशल मीडिया पर उनके भाषण की जमकर आलोचना हो रही है।विपक्षी दलों के नेता पीएम मोदी के कोरोना पर दिए भाषण की निंदा कर रहे हैं। नेताओं ने कहा कि देश को इस वक्त आपके भाषण की नहीं ऑक्सीजन की जरूरत है। बता दें कि पीएम मोदी ने अपने 19 मिनट के संबोधन में कहा कि लॉकडाउन से बचने की भरपूर कोशिश करनी है और माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। ताकि लॉकडाउन जैसे हालात ना बने।
आज रात 8.45 बजे के ज्ञान का सार -:
“मेरे बस का कुछ नही,
यात्री अपने सामान यानी जान की रक्षा स्वयं करें।”#COVID19— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 20, 2021
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पीएम मोदी का भाषण कुछ अलग ही अंदाज का था। पिछले साल कोरोना की पहली लहर में केंद्र ने सबकुछ अपने हाथों में रखा था, यहां तक कि लॉकडाउन भी केंद्र सरकार की ओर से लगाया गया था। लेकिन एक साल बाद कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारें और मोहल्ला समितियों पर डाल दी गई है। आखिर एक साल में ऐसे बदलाव कैसे हो गया।
आज रात 8.45 बजे के ज्ञान का सार -:
“मेरे बस का कुछ नही,
यात्री अपने सामान यानी जान की रक्षा स्वयं करें।”#COVID19— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 20, 2021
पीएम मोदी के भाषण के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि रात 8.45 बजे के ज्ञान का सार -: ‘मेरे बस का कुछ नही, यात्री अपने सामान यानी जान की रक्षा स्वयं करें।’
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि पीएम मोदी के भाषण का लबोलुआब यही रहा कि दोस्तों आप स्वयं की सुरक्षा करो। अगर आप कोरोना को मात देकर निकलने में सक्षम रहे तो निश्चित रूप से हम किसी उत्सव और महोत्सव में मिलेंगे। तब तक के लिए शुभकामनाएं। भगवन आपके साथ रहे।
Source : amar Ujala