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हाइवे किनारे हम जिस्म बेचती हैं, 1 दिन के 2000 मिलते हैं-कोई पैसा ना दे तो भाई को बुला लेती हैं

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मध्य प्रदेश और राजस्थान में एक ऐसी कम्युनिटी रहती है जिनकी लड़कियों का से’क्स वर्कर बनना परंपरा की तरह है। यहां की महिलाएं मानती हैं कि ‘से’क्स उनका खानदानी धंधा’ है। कम्युनिटी की एक से’क्स वर्कर 1200 से 2000 रुपए एक दिन में कमा लेती हैं।

इसी समुदाय की एक बस्ती जयपुर हाईवे से करीब दो किलोमीटर दूर भरतपुर के पास  है। बतौर से’क्स वर्कर यहां कई लड़कियां काम करती हैं। भरतपुर के मलाहा गांव की एक महिला ने समाचार वेबसाइट इंडिया टूडे को बताया था कि जब वह 10-11 साल की थी तो पिता ने उसे एक बिजनेसमैन के पास भेज दिया था। परिवार को महिला की व र्जिनिटी खोने के बदले करीब 10 हजार रुपए दिए गए थे। महिला ने यह भी बताया कि आज 20 साल बाद भी यहां की किसी लड़की के लिए सबसे अधिक कमाई 10 हजार रुपए ही होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ साल पहले तक एक सौ से अधिक बेदिया से’क्स वर्कर मलाहा गांव में रहतीं थीं। ये महिलाएं मेकअप करके सड़क से कुछ दूरी पर ग्राहकों का इंतजार करती हैं।

हालांकि, कई लोगों का कहना है कि यहां लड़कियों को जबरन से’क्स वर्क करना पड़ता है। लेकिन कम्युनिटी के पुरुष ये कहते हैं कि यहां की हर लड़कियों से पूछा गया था कि धं धा करोगी या शादी? बेदिया कम्युनिटी में जो बाहरी महिलाएं बहू बनकर आती हैं वे से’क्स वर्क में शामिल नहीं होतीं। उनका काम घर की देखभाल करना और बच्चों की परवरिश होती है।

कम्युनिटी की एक महिला ने एक सवाल के जवाब में बताया कि जब कोई ग्राहक बुरा व्य वहार करे तो चि ल्लाकर अपने भाई को बुलाना पड़ता है। ‘से’क्स एजुकेशन’ के तौर पर उन्हें इतना ही बताया गया है।

यहां भी हर बेटी बन जाती है से क्स वर्कर : दुनिया की नजरो में भलेही दे ह-व्या पार गै रकानूनी हो लेकिन देश के कई भागो में वर्तमान में लाखों लड़कियों का भाग्य दे ह व्या पार ही है। कई शहर ऐसे है जहाँ रेड लाइट एरिया है और यहाँ जि स्म का सौदा खुले तौर पर किया जाता है. जिस्म के इस धं धे में लड़कियों को ठीक से बड़ा होने से पहले ही धकेल दिया जाता है।

वे श्यालय आए कहां से? इसके बहुत सारी बातें सामने आई है, जिनमें से अधिकतर लोगों का यही मानना है कि पहले के समय में इन स्थानों पर सिर्फ नाच-गाना होता था। लेकिन तब इसे कला की दृष्टि से देखा जाता था पर समय बीता और कला की जगह इस अभिशाप ने ली। भारत के कई जगहों पर आज भी नवयुवतियां इस अभिशाप का कहर ढाह रही है. जिसमे से एक है कोलकाता का सोनागाछी।

आज हम आपको देश के एक ऐसे ही वै श्यवृत्ति के बाजार के बारे में बता रहे है, जिसे ना केवल भारत का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया कहा जाता है, बल्कि यह एशिया का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया घोषित किया जा चूका है. जी हाँ, और इस जगह का नाम है “सोनागाछी”.

12 से 17 साल की उम्र में ये लड़कियां मर्दों के साथ सोना सीख जाती हैं। उन्हें खुश करना सीख जाती हैं, जिसके बदले उन्हें दो डॉलर यानि 124 रुपए मिलते हैं। इन रूपयों के बदले यहां की औरतें तश्तरी का खाना बनकर मर्दों की टेबल पर बिछ जाती हैं।

फिल्म भी बन चुकी है…: आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि कोलकाता के इस रेडलाइट एरिया को विषय बनाकर एक फिल्म भी बनी है। Born Into Brothels नाम की इस फिल्म को ऑस्कर सम्मान भी मिल चुका है।

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