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1 जनवरी 2019 से लागू हो रहे हैं ये 6 नियम..इन्हें जान लें वरना जुर्माना और जेल दोनों भुगतना पड़ेगा

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एक जनवरी से बैंकिंग, इंश्योरेंस और आयकर समेत आम आदमी पर असर डालने वाले छह नए नियम लागू हो जाएंगे। 5 लाख रुपए से ज्यादा आय वाले जो करदाता 31 दिसंबर तक वित्त वर्ष 2017-18 का रिटर्न नहीं भरेंगे, उन्हें दोगुनी (10,000 रुपए) पेनल्टी चुकानी पड़ेगी। मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले एटीएम और क्रेडिट कार्ड मान्य नहीं होंगे।

इन्हें ज्यादा सुरक्षा फीचर वाले नए कार्डों से बदलना होगा। इनके अलावा कुछ और बदलाव आम आदमी पर असर डालेंगे। 31 दिसंबर तक रिटर्न भरा तो सिर्फ 5,000 रु पेनल्टी लगेगी : वित्त वर्ष 2017-18 का रिटर्न 31 जुलाई तक बिना पेनल्टी के भरा जा सकता था। इसके बाद 1 अगस्त से 31 दिसंबर तक 5 लाख से अधिक सालाना आय वालों को 5 हजार रुपए की पेनल्टी देने के बाद ही रिटर्न भरने की पात्रता थी। यदि अब भी ऐसे करदाता रिटर्न नहीं भरेंगे तो एक जनवरी से यह पेनल्टी 10 हजार रुपए हो जाएगी। यह पेनल्टी भरकर करदाता 31 मार्च 2019 तक रिटर्न फाइल कर सकेंगे। 5 लाख से कम आय वाले करदाताओं के लिए यह पेनल्टी 31 जुलाई के बाद भरने पर 1 हजार रुपए थी, जो 31 मार्च 2019 तक इतनी ही रहेगी।

मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले डेबिट-क्रेडिट कार्ड बंद होंगे : एक जनवरी से मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले डेबिट और क्रेडिट कार्ड काम नहीं करेंगे। ऐसे कार्ड बनना बंद हो चुके हैं। कार्ड की सुरक्षा बढ़ाने के मकसद से ऐसा किया जा रहा है। क्योंकि, मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड कम सिक्योर होते हैं। हालांकि, कुछ बैंकों ने कहा है कि कार्ड बदलने की प्रक्रिया जारी है लेकिन पुराने कार्ड अभी बंद नहीं होंगे।

आरबीआई ने 2016 में ही बैंकों को निर्देश दिए थे कि मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड चिप वाले कार्ड से रिप्लेस किए जाएं। इसके लिए 31 दिसंबर 2018 की डेडलाइन तय है। यानी ग्राहक बैंक से कार्ड रिप्लेस करवाने के बाद ही उसे इस्तेमाल कर पाएंगे।

नॉन सीटीएस चेक मान्य नहीं होंगे : एक जनवरी से नॉन-सीटीएस वाले चेक भी बंद हो जाएंगे। आरबीआई के निर्देशों के मुताबिक जो ग्राहक अभी तक ऐसी चेकबुक इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें बैंक से सीटीएस चेकबुक लेनी पड़ेगी। देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई 12 दिसंबर से ही नॉन-सीटीएस चेक लेना बंद कर चुका है।

क्या होता है सीटीएस चेक ? सीटीएस यानी चेक ट्रंकेशन सिस्टम। इसके तहत चेक की एक इलेक्ट्रॉनिक इमेज कैप्चर हो जाती है और ​फिजिकल चेक को एक बैंक से दूसरे बैंक में क्लीयरेंस के लिए भेजने की जरूरत नहीं होती। बल्कि ऑनलाइन प्रोसेस हो जाता है। इससे क्लीयरेंस में वक्त कम लगता और बैंकों को खर्च भी कम आता है।

कारें महंगी हो जाएंगी : एक जनवरी से ज्यादातर ऑटो कंपनियां कारों के रेट बढ़ा देंगी। वो पहले ही इसका ऐलान कर चुकी हैं। इनमें टाटा मोटर्स, मारुति, निसान, फोर्ड, टोयोटा और बीएमडब्ल्यू जैसी कंपनियां शामिल हैं। टाटा मोटर्स ने सभी यात्री वाहनों की कीमतों में 40,000 रुपए तक इजाफा करने का ऐलान किया था।

मोटर इंश्योरेंस में एक्सीडेंटल कवर 15 लाख रु. होगा : इंश्योरेंस रेग्युलेटर इरडा के नए नियम एक जनवरी से लागू हो जाएंगे। इसके तहत मोटर इंश्योरेंस में अब 15 लाख रुपए का एक्सीडेंटल कवर मिलेगा। हादसे में वाहन मालिक या ड्राइवर की मौत होने या पूर्ण रूप से दिव्यांग होने पर उनके परिवार को यह राशि मिलेगी। नए नियमों के मुताबिक अब वाहन के बीमा के साथ एक्सीडेंटल कवर के लिए 750 रुपए का अतिरिक्त प्रीमियम देना होगा। इंश्योरेंस के वक्त सभी वाहन मालिकों को यह ऑप्शन लेना जरूरी होगा।

कंपनियां चाहें तो वाहन मालिकों से ज्यादा प्रीमियम लेकर 15 लाख से ज्यादा का कवर भी दे सकेंगी। अब तक दोपहिया वाहन मालिकों को 1 लाख रुपए के एक्सीडेंटल कवर के लिए के लिए 50 रुपए और फोर-व्हीलर मालिकों को 100 रुपए प्रीमियम देना होता था।

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