यूटिलिटी
2019 में UPI के जरिए हुए 10.8 अरब ट्रांजेक्शन, 18 लाख करोड़ रुपए का हुआ लेन-देन

देश में लोगों को डिजिटल पेमेंट के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) रास आने लगा है। इसी का नतीजा है कि बीते साल 2019 में यूपीआई (UPI) का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया। गुरुवार को वर्ल्डलाइन एनुअल इंडिया डिजिटल पेमेंट द्वारा जारी रिपोर्ट में ये बात सामने आई है। UPI के बाद डेबिड कार्ड, आईएमपीएस और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल डिजिटल पेमेंट के लिए सबसे ज्यादा किया गया। पिछले तीन साल में यूपीआई ट्रांजेक्शन में औसतन 188 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही इससे ट्रांजेक्शन की संख्या बढ़कर 10.8 अरब पहुंच गई है। UPI को अगस्त 2016 में लॉन्च किया गया था। साल 2019 में UPI, डेबिड कार्ड, आईएमपीएस और क्रेडिट कार्ड से कुल मिलाकर 20 ट्रिलियन से ज्यादा ट्रांजेक्शन किए गए हैं। इन 54 खरब से ज्यादा रुपए का ट्रांजेक्शन किया गया है।
एक महीने में हुए 100 करोड़ से ज्यादा ट्रांजेक्शन
रिर्पोट में कहा गया है कि भारत में एक महीने में 100 करोड़ ट्रांजेक्शन के आंकड़े को भी 2019 में पार कर लिया है। सबसे ज्यादा डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल पर्सन टू पर्सन ट्राजेंक्शन के लिए किया गया है। इसके बाद पर्सन टू मर्चेंट का नंबर आता है। यूपीआई के जरिए 2019 में 18,36,000 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन किया गया है, जो साल 2018 के मुकाबले 214 फीसदी ज्यादा है।
साल 2019 में 9 नए बैंक इससे जुड़े
साल 2019 में 9 बैंक UPI इकोसिस्टम से जुड़े हैं। इसके साथ ही दिसंबर 2019 के अंत तक UPI सेवा प्रदान करने वाले बैंकों की संख्या बढ़कर 143 पहुंच गई है। UPI ट्रांजेक्शन की संख्या में बढ़ोतरी की मुख्य वजह बैंकों द्वारा यूपीआई 2.0 फीचर का इस्तेमाल करना रही है। जिसके कारण आईपीओ एप्लिकेशन, डोनेशन और विभिन्न कैशबैक और डिस्काउंट बैंक और नॉन बैंकिंग सेवा प्रदाताओं द्वारा ऑफर किए गए हैं।
आईएमपीएस से भी बढ़े ट्रांजेक्शन
आईएमपीएस (IMPS) में साल दर साल 55 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसकी संख्या 2.3 अरब पहुंच गई है। इसके जरिए 21,80,000 करोड़ रुपये का आदान-प्रदान हुआ है, जो साल 2018 से 41 फीसदी ज्यादा है। सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में ट्रांजेक्शन किए गए हैं।
UPI कैसे काम करता है?
UPI की सेवा लेने के लिए आपको एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस तैयार करना होता है। इसके बाद इसे आपको अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होता है। वर्चुअल पेमेंट एड्रेस आपका वित्तीय पता बन जाता है। इसके बाद आपका बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम या IFSC कोड आदि याद रखने की जरूरत नहीं होती। पेमेंट करने वाला बस आपके मोबाइल नंबर के हिसाब से पेमेंट रिक्वेस्ट प्रोसेस करता है और वह पेमेंट आपके बैंक अकाउंट में आ जाता है। अगर, आपके पास उसका UPI आईडी (ई-मेल आईडी, मोबाइन नंबर या आधार नंबर) है तो आप अपने स्मार्टफोन के जरिए आसानी से पैसा भेज सकते हैं। न सिर्फ पैसा बल्कि यूटिलिटी बिल पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग, खरीददारी आदि के लिए नेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड भी जरूरत नहीं होगी। ये सभी काम आप यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम से कर सकते हैं।
UPI से जुड़ी 7 अहम जानकारी
- UPI सिस्टम रियल टाइम फंड ट्रांसफर करता है
- किसी को पैसा भेजन के लिए आपको सिर्फ उसके UPI आईडी (एक वर्चुअल आइडेंटी जैसे ई-मेल एड्रेस, मोबाइल नंबर,आधार नंबर) की जरूरत होगी।
- UPI आईडी होने से आपको फंड ट्रांसफर करने के लिए लाभार्थी का नाम, अकाउंट नंबर, बैंक आदि की जानकारी लेने की जरूरत नहीं होगी।
- UPI को IMPS के मॉडल पर डेवलप किया है। इस लिए इस ऐप से आप 24*7 बैंकिंग कर सकते हैं।
- UPI से ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए ओटीपी, सीवीवी कोड, कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट आदि की जरूरत नहीं होगी।
- यह सुरक्षित बैंकिंग माध्यम है।
- कोई भी यूपीआई का इस्तेमाल चलान के रूप में कर सकता है।