74 वर्षीय कश्मीरी पंडित रोशन लाल मावा ने 29 साल बाद कश्मीर पहुंचकर फिर से अपने बिजनेस की शुरुआत की है। इन्होंने अक्टूबर 1990 में हमले की एक घटना के बाद कश्मीर छोड़कर दिल्ली को अपना ठिकाना बना लिया था, लेकिन अब एक बार फिर उन्होंने कश्मीर में वापसी की है और यहां पर उनका भव्य स्वागत किया गया।
मावा जब अपने दुकान में थे तो उस वक्त एक युवक ने उनपर हमला कर दिया था। इस हमले में वो घायल हो गए थे। 29 साल बाद वह एक बार फिर कश्मीर पहुंचे हैं और किराना स्टोर की शुरुआत किए हैं। आज वो कश्मीर वापस लौटकर खुश हैं। यहां पर सैकड़ों लोगों ने उनका स्वागत किया।
स्थानीय लोगों के मुताबिक रोशन लाल मावा जब दुकान पर थे तो एक युवक ने उनपर हमला कर दिया था। वह और उनका परिवार कश्मीर से दिल्ली शिफ्ट हो गया था। इसके बाद उन्होंने पुरानी दिल्ली में ड्राई फ्रूट्स का बिजनेस शुरू कर दिया।
रोशन लाल मावा के मुताबिक वह वापस कश्मीर आने की इच्छा रखने वालों में अकेले नहीं थे। रमजान के महीने को ध्यान में रखते हुए रोशन लाल ने फैसला लिया है वो अपने दुकान में खजूर की कई किस्में रखेंगे। मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि वो अपने अधिकांश किराने का सामान उन्हीं से खरीदेंगे।
लोगों ने जिस तरह से स्वागत किया उससे रोशन लाल मावा खुश हैं। उन्होंने कहा कि मेरे जीवन में मिला ये सर्वोच्च सम्मान है। मैंने पूरे देश में यात्रा की है लेकिन कश्मीर जैसी कोई जगह नहीं है। कश्मीरियत जिंदा है। कश्मीरी मुसलमानों और पंडितों के बीच भाईचारा बरकरार है।
मावा ने कहा कि 13 अक्टूबर, 1990 को दुकान पर उनको चार गोलियां मारी गईं, जिसके बाद उन्हें कश्मीर छोड़ना पड़ा और उसके बाद वह दिल्ली में बस गए। उन्होंने आगे कहा कि मेरा दिल्ली में बिजनेस है, मेरा वहां अच्छा घर है, लेकिन अपने लोगों के बीच वापस जाने की लालसा ने मुझे इन 29 वर्षों को गालियों में बिताने के लिए मजबूर कर दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या अन्य कश्मीरी पंडितों को भी लौट जाना चाहिए, मावा ने कहा कि उन्हें मौकों की तलाश करनी चाहिए।