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राजधानी की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। प्रदर्शन मुख्य रूप से गाजीपुर बॉर्डर पर केंद्रित हो गया है, मगर सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर भी बड़ी संख्या में आंदोलनकारी मौजूद हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत से मंगलवार को शिवसेना के नेताओं ने मुलाकात की। पार्टी सांसद अरविंद सावंत और संजय राउत गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। किसी तरह की अप्रिय स्थिति से बचने के लिए धरनास्थलों को पूरी तरह आइसोलेट कर दिया गया है। उनके आस-पास कई लेयर की बैरिकेडिंग करके ऊपर कंटीली तारें बिछा दी गई हैं। सड़क पर टायर किलर्स लगाए गए हैं। इसके अलावा भारी तादाद में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात है।
दिल्ली HC से आंदोलनकारियों को झटका
दिल्ली हाई कोर्ट ने उस पीआईएल को खारिज कर दिया है जिसमें 26 जनवरी की हिंसा को लेकर हिरासत में लिए लोगों को रिहा करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। PIL में कहा गया था कि सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर के आसपास से 26 जनवरी या उसके बाद कथित रूप से अवैध हिरासत में लिए गए सभी लोगों (केवल किसान नहीं) को रिहा किया जाए।
गाजीपुर बॉर्डर पर कंटीली तारें, सीमेंट की दीवारें
दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर अभूतपूर्व नाकेबंदी की है। धरना स्थल फ्लाईओवर की सभी चारों लेन पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं। दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाली रोड पर खासतौर पर 6 लेयर की बैरिकेडिंग की गई है। सबसे पहली और दूसरी लेयर में लोहे के बैरिकेड्स हैं और उसके ऊपर कंटीली तारें। तीसरी लेयर में कंक्रीट के 3 फुट ऊंचे 2 स्लैब्स को आमने- सामने रखकर उनके बीच में लगभग 2 फुट ऊंचाई तक सीमेंट और कंक्रीट का मसाला भरा गया है, जो 3 फुट ऊंची ढेड़ फुट चौड़ी दीवार बन गई है। इसके बाद के 2 लेयरों में लोहे के बैरिकेड्स लगे हुए है।
टीकरी बार्डर पर भी जारी है काम
टीकरी बॉर्डर पर भी लगातार किलेबंदी की जा रही है। आज भी जेसीबी से सीमेंट के बड़े बड़े बोल्डरों को सड़क पर रखने का काम चल रहा है। सड़क पर स्लैब के साथ ही बैरिकेडिंग और कील लगाने का काम भी चल रहा है।
सड़कों पर दीवार नहीं, पुल बनवाए सरकार: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बैरिकेडिंग और नुकीली कीलें लगाए जाने की आलोचना की है। उन्होंने मंगलवार को केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उसे दीवार की बजाय पुल बनवाना चाहिए। उन्होंने किसानों के आंदोलन स्थलों के निकट अवरोधक बनाए जाने से जुड़ी तस्वीरें साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘भारत सरकार, पुल बनाइए, दीवार नहीं।’’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इसी विषय को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री जी, अपने किसानों से ही युद्ध?’’
पुलिस ने बताए वैकल्पिक रूट्स
किसान आंदोलन के चलते गाजीपुर बॉर्डर बंद है। आउटर रेंज के ऐडिशनल सीपी (ट्रैफिक) ने कहा है कि लोग आनंद विहार, चिल्ला, डीएनडी, अप्सरा, भोपरा और लोनी बॉर्डर के जरिए आ-जा सकते हैं। वहीं, सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षाबल तैनात किया गया है।
संसद में गूंजा किसानों का आंदोलन
मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नए कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि किसानों के विरोध प्रदर्शन पर चर्चा कल होगी। इसके बाद विपक्षी दलों ने वॉकआउट कर दिया। इसके बाद सदन स्थगित कर दिया गया। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, “सदन में सबसे पहले तीनों काले कानून वापस लेने पर चर्चा होनी चाहिए। यहां अगर हम किसान के मुद्दे नहीं उठा सकते तो सदन चलाने का मतलब क्या है।”
राजनीतिक दलों की ओर से हलचल तेज
शिवसेना सांसद संजय राउत आज गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों से मुलाकात करेंगे। दूसरी तरफ, पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है जिसमें आंदोलन पर चर्चा होगी। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा चंडीगढ़ में होने वाली इस बैठक में शामिल नहीं होगी।
खाली जमीन पर भी कंटीली तारें
फ्लाईओवर के नीचे की सड़क के तिराहा का गाजियाबाद की तरफ जाने वाले रास्ते में भी ऐसी ही बैरिकेडिंग की गई है। कंक्रीट के 2 स्लैब्स के बीच मसाला भरकर दीवार यहां भी बनाई गई है। यही नहीं उसी के बगल में खाली पड़ी जमीन पर भी कटीली तारें बिछा दी गई हैं। आनंद विहार बस अड्डे से गाजियाबाद की तरफ जाने वाले रास्ते पर डीटीसी की बस खड़ी कर दी गई है। उसके बाद बैरिकेडिंग भी की गई है।
बातचीत से किसान मोर्चा का इनकार
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि ‘सरकार के साथ तबतक बातचीत नहीं होगी जबतक वह शोषण बंद नहीं करती। उन्होंने बिना शर्त उन किसानों की रिहाई की मांग रखी है जिन्हें हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा इंटरनेट शटडाउन को लेकर भी विरोध जताया है।
टीकरी बॉर्डर पर एक और किसान की हुई मौत
टीकरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन में एक ओर युवा किसान की मौत हो गई। मृतक की पहचान संगरूर जिले के आशु कुमार के रूप में हुई है। बताया गया है कि आशु कुमार हाल ही में आंदोलन में शामिल होने के लिए आया है। मौत का कारण ह्रदयघात बताया जा रहा है। आशु की उम्र 32 साल की थी। वह भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहा के साथ जुड़े हुए थे। बता दें कि अब तक टीकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में 25 से भी ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है।