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रियल ‘चुलबुल पांडे’, कई इनामी कुख्यातों को पकड़ा; एनकाउंटर में गोली भी लगी, साहसी पुलिस वाले अनुज चौधरी की कहानी

देश में बहादुर पुलिसवालों की फेहरिस्त काफी लंबी है। आज हम जिस साहसी पुलिस वाले का यहां जिक्र कर रहे हैं उनका नाम है अनुज कृष्ण चौधरी। पुलिस सेवा के साथ-साथ खेल में भी रुचि रखने वाले अनुज चौधरी के बारे में कहा जाता है कि उनका नाम सुनते ही अपराधी खौफ से कांपने लगते हैं। खेल कोटे से पुलिस में भर्ती हुए अनुज चौधरी की छवि एक दबंग, फिट और निर्भीक पुलिस अफसर की है। अपराधियों को सजा दिलाने और माफियाओं पर शिकंजा कसने के कारण वह ‘चुलबुल पांडे’ के नाम से भी मशहूर हो गए। कुछ लोग उन्हें सुपरकॉप के नाम से भी जानते हैं। अनुज चौधरी मुजफ्फरनगर के बझेड़ी गांव के रहने वाले हैं।
अनुल चौधरी के बारे में बताया जाता है कि दंगल से गोरखपुर हॉस्टल तक का सफर तय कर कुश्ती का कहकहा सीखा। प्रो कुश्ती लीग के वह ब्रांड एंबेसेडर रहे हैं। कहा जाता है कि अनुज चौधरी जहां कही भी अपनी सेवा देने जाते हैं वहां वो युवाओं के बीच जल्दी ही रोल मॉडल बन जाते हैं और अपराधी उनके नाम से ही खौफ खाने लगते हैं। उन्होंने अपनी टीम के साथ कई अपराधियों का एनकाउंटर किया है तो बड़े-बड़े अपराधियों को गिरफ्तार भी किया है।
एनकाउंटर में लगी गोली
जब अनुज चौधरी यूपी एसटीएफ में तैनात थे तब नोएडा से लेकर अलीगढ़ तक उन्होंने अपराधियों के मन में दहशत पैदा कर रख दिया था। बिहार के कुख्यात इनामी बदमाश अमित मंडल को अनुज ने नोएडा में गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी। इसी तरह से नोएडा में एक लाख रुपये के इनामी सिंहराज भाटी, रणदीप भाटी, मुजफ्फरनगर में एक लाख रुपये के इनामी विनोद, 50 हजार के इनामी जोगेन्द्र को अनुज चौधरी ने गिरफ्तार किया था।
वहीं अलीगढ़ में लूट के लिए कुख्यात विकास खुजली का अपनी टीम के साथ मिलकर उन्होंने एनकाउंटर भी किया। इन एनकाउंटर में अनुज को गोली भी लगी थी लेकिन इस निडर पुलिस वाले ने इसके बावजूद भी अपराधियों पर नकेल कसने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
यूं बने रियल ‘चुलबुल पांडे’
जब अनुज की पोस्टिंग दादरी में हुई थी तब यहां लोग जुए के अड्डे से परेशान थे। बताया जाता है कि दादरी में कई अलग-अलग जगहों पर खुलेआम जुआ खेला जाता था। सूचना मिलने के बाद अनुज ने जुए के इस नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए स्थानीय लोगों से संपर्क करना शुरू किया। धीरे-धीरे उन्होंने आम जनता के बीच अपनी बेहतरीन छवि बना ली। नतीजा यह हुआ कि स्थानीय लोग अनुज को खुद फोन कर जुए के अड्डों की जानकारी देने लगे और फिर अनुज ने इन जुआरियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की।
अनुज चौधरी ने साल 2007 से ले कर 2009 तक आयोजित सीनियर एशियन कुश्ती प्रतियोगिता एफएस-जीआरएस में 84 किलोग्राम भार समूह में कांस्य पदक जीता। इसके बाद काठमांडू नेपाल में भी स्वर्ण पदक जीत कर देश का नाम रौशन किया। इसके बाद स्पेन समेत विभिन्न देशो में मेडल जीत कर देश का नाम रौशन किया।
दादरी में आम लोग अतिक्रमण की वजह से काफी परेशान थे। अनुज चौधरी ने आम जनता से मिलकर सड़कों पर लगे अतिक्रमण को हटाया। कई दिनों तक वो खुद जाम हटवाने और अतिक्रमण हटवाने के काम में लगे रहे और नतीजा यह हुआ कि दादरी के कई इलाकों से जाम बिल्कुल ही खत्म हो गया। इसके बाद अनुज चौधरी को यहां लोग ‘चुलबुल पांडे’ कहने लगे।
दनकौर में अवैध शराब की बिक्री की खबर अखबारों की सुर्खियां बन रही थीं। अनुज ने अवैध शराब कारोबारियों पर शिकंजा कसने के लिए आम लोगों से संपर्क किया। उनकी कोशिशों का नतीजा यह हुआ कि कई लड़के जो इस शराब कारोबार में संलिप्त थे वो खुद अनुज को फोन कर अवैध शराब कारोबार का भंडाफोड़ करने लगे।
देश-विदेश में लहराया परचम
अनुज चौधरी ना सिर्फ उत्कृष्ट पुलिस सेवा के लिए जाने जाते हैं बल्कि खेल के क्षेत्र में भी उन्होंने देश और विदेश में बड़ा नाम किया है। सबसे पहले अनुज चौधरी ने महाराष्ट्र के पुणे में वर्ष 1996 में आयोजित 17वें निरीक्षक पुलिस जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया। उसके बाद उत्तर प्रदेश के हापुड़ में आयोजित वर्ष 1996 में आल इंडिया इण्टर यूनिवेर्सिटी कुश्ती प्रतियोगिया में स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके बाद देश के विभिन्न जगहों पर जैसे चैत्तोड़गढ़, हैदराबाद, महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, रांची, हैदराबाद और हरियाणा में आयोजित होने वाले कुस्ती प्रतियोगिता में हिस्सा ले कर प्रदेश का नाम रौशन किया।