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भारतीय क्रिकेटरों के अंधविश्वास के वो 8 अजीबो-ग़रीब क़िस्से, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे

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Indian Cricketers Superstitions: हर इंसान जीवन में सफ़लता पाना चाहता है. लेकिन कभी-कभी मेहनत करने के बावजूद भी इंसान को वो नहीं मिल पाता है, जिसकी उसे आस होती है. इस दौरान आम लोगों से लेकर बड़े-बड़े स्टार्स तक कभी-कभी अंधविश्वास और टोटके पर विश्वास करने लगते हैं. ऐसा हमने कई बार भारतीय क्रिकेटर्स (Indian Cricketers) के साथ भी होते देखा है.

 

आइए हम आपको भारतीय क्रिकेटर्स और उनके कुछ अजीबो-ग़रीब अंधविश्वास के बारे में बताएंगे.

Indian Cricketers Superstitions

1. जर्सी नंबर पर बर्थडे नंबर लिखवाना 

सीमित ओवरों के मैचों के लिए जर्सी नंबरों को क्रिकेट में पेश किए जाने के साथ, पहले प्लेयर्स को अपने फ़ेवरेट जर्सी नंबर को चूज़ करने की आज़ादी थी. ईमेल ID और पासवर्ड की तरह ही लोगों का बर्थ डेट से ख़ास लगाव होता है. युवराज सिंह ने अपना जर्सी नंबर 12 भी इसलिए चुना था, क्योंकि उनकी बर्थडे 12 दिसंबर को होती है और उन्हें लगता है कि 12 एक लकी नंबर है. लेकिन सिर्फ़ युवराज ही नहीं, पूर्व कप्तान एम.एस. धोनी ने भी अपना जर्सी नंबर 7 चूज़ किया था, क्योंकि उनका बर्थडे 7 जुलाई को आता है.

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2. रविचंद्रन अश्विन और उनका लकी बैग

रविचंद्रन अश्विन ने 2011 के वर्ल्ड कप में सिर्फ़ 2 ही मैच खेले थे, लेकिन वो उस दौरान अपने साथ एक बैग लेकर चलते थे, जो पूरी टीम के लिए लकी माना जाता था. कुछ रिपोर्ट्स की मानें, तो अश्विन ने विश्व कप के बाद भी काफ़ी समय तक ये इस अंधविश्वास को मानना जारी रखा.

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3. सौरव गांगुली और उनके टीचर की तस्वीर

भारतीय क्रिकेट टीम के बेस्ट कप्तानों में से एक कहे जाने वाले सौरव गांगुली ना सिर्फ़ अपने हाथ में कई सारी अंगूठियां पहनते थे, बल्कि वो फ़ील्ड में खेलते टाइम हमेशा अपने गुरु जी की तस्वीर भी अपनी पॉकेट में रखते थे.

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4. ज़हीर ख़ान और उनका पीला रुमाल

ज़हीर ख़ान (Zaheer Khan) के कुछ अपने विश्वास थे, जब बात महत्वपूर्ण मैचों की आती थी. बाएं हाथ के भारतीय पेसर हमेशा मैच के दौरान अपना पीला रुमाल अपने साथ रखते थे.

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5. राहुल द्रविड़ हमेशा अपना दाहिना थाई पैड पहले पहनते थे

शायद ही किसी को विश्वास होगा कि राहुल द्रविड़ को भी अंधविश्वासों में यकीन था. इसे आप अंधविश्वास या उनकी आदत कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन राहुल हमेशा अपना दाहिना थाई पैड पहले पहनते थे. इसके साथ ही वो नई सीरीज़ से पहले नए बैट के साथ एक्सपेरिमेंट भी नहीं करते थे.

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6. मोहिंदर अमरनाथ और उनका लाल रुमाल

सिर्फ़ ज़हीर ख़ान ही क्रिकेट मैच के दौरान अपने साथ पीला रुमाल नहीं लाते थे. मोहिंदर अमरनाथ, जिन्होंने 1983 के वर्ल्ड कप फ़ाइनल में आख़िरी विकेट लिया था, उन्होंने अपने पूरे क्रिकेट के करियर में अपने साथ लाल रुमाल कैरी करना जारी रखा. पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने भी ऐसा ही किया, लेकिन स्पष्ट रूप से ये ट्रेंड भारतीयों ने ही सेट किया था.

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7. वीरेंद्र सहवाग और उनकी बिना नंबर की जर्सी

वीरेंद्र सहवाग और उनके जर्सी नंबर के अंधविश्वास के बारे में तो सब जानते ही होंगे. सहवाग ने कई जर्सी नंबर ट्राई किए. फिर उसके बाद सहवाग ने बिना किसी नंबर की जर्सी पहनने का फ़ैसला किया. ICC को सहवाग का ये फ़ैसला पसंद नहीं आया था. लेकिन सहवाग नहीं माने और वो बिना किसी नंबर वाली जर्सी पहनते रहे.

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8. अनिल कुंबले और सचिन तेंदुलकर का अंपायर को अपना स्वेटर देना 

क्या आपको याद है, जब अनिल कुंबले ने दिल्ली में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 10 विकेट चटकाए थे? ये बात तो शायद पूरी दुनिया को याद होगी. 1999 में हुए इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच से एक दिलचस्प अंधविश्वास जुड़ा हुआ है. ऐसा माना गया था कि जब भी भारतीय मेस्ट्रो सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले के बॉलिंग करने से पहले उनका ‘स्वेटर और कैप’ अंपायर को देते थे, तब कुंबले एक विकेट चटकाते थे. ये अब विचित्र लग सकता है.

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क्या इन अंधविश्वासों के बारे में आपको पता था?

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